Friday, March 19, 2010

भगवान या खुदा

रास्ते में
एक मासूम बच्चे को
मंदिर के सामने
हाथ उठा
प्रार्थना करते देखा
हाथ ठीक वैसे ही जुड़े थे
जैसे खुदा की इबादत में होते है
क्या लोगों ने इसे
समझाया नहीं
भगवान- खुदा अलग है
या यही
मासूमियत प्रेम है
भगवान है...
खुदा है...
जो आज इंसानो
से
जुदा है।

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