कई परिवारों को बर्बाद करने वाला और कई मासूम जोड़ो की गोत्र के नाम पर बलि देने वाले खाप का खौफ जारी है। हरियाणा के इन तुगलकी फरमानों और कानून को ठेंगा दिखाते ये पंच सभ्य समाज को लगातार शर्मसार करता आ रहे है। हालांकि हमारे हिन्दू समाज में संगोत्रिय विवाह स्वीकार्य नहीं हैं। विवाद आधुनिकता और परंपराओं का है। पर परंपराओं के नाम पर किसी की जान लेना भी कहां का न्याय है...।
पंच, परंपराओं का हवाला दे मासूमों की जिंदगी से खेल रहे है। कभी ये पति पत्नी को भाई-बहन घोषित कर देते है, तो कभी ये खाप का फरमान ना मानने वाले मनोज और बबली को गोत्र के नाम पर मौत के घाट उतार देते है। हरियाणा की गलियों में खाप पंचायत के इस मध्ययुगीन तानाशाही फरमानों की हज़ारों कहानियां है। पर इन पर सवाल उठाने वाला कोई नहीं, वजह साफ है कि सियासत करने वालों को वोट बैंक की मजबूरी है और सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत किसी के पास नहीं।
जहां महानगर और शहरों में रहने वाले लोगों के लिए इक्कीसवीं सदी आ चुकी है। देश में विकास और आधुनिकता की बयार बह रही है। बुद्धिजीवी इस विषय पर टी.वी. चैनलों पर बहस कर रहे हैं, नेता लोग प्रेस वार्ता कर अपने आप को चिंतित दिखाने की कोशिश कर रहे है।... तो हर जगह बहस और वार्ताओं का दौर हैं और इन सबके बीच कोई पीछे छूट गया तो वह है 'गांव' जो आज भी संगोत्रिय विवाह को पचा नहीं पा रहा है। अगर भारत जैसे देश में भी इस तरह के तुगलकी फरमान जारी होने लगे तो तालिबान और भारत में क्या फर्क रह जाएगा।
खाप पंचायत ने जो रास्ता इख्तियार किया है उसे सही नहीं माना जा सकता। उनका फरमान हिंसा का है। हमारे समाज में किसी को जान से मारने का अधिकार नहीं मिल सकता। फिर पंचायतों का गुंडाराज कैसा? खाप पंचायत अगर किसी बात को सही नहीं मानता तो संवैधानिक तौर पर अपनी बात रख सकता है न की मासूमों की जान लेकर जबरदस्ती अपनी बात मनवाने की कोशिश।
बहरहाल इसका एक पहलू सियासत भी है। मामला हिन्दू मैरिज एक्ट में संशोधन की मांग का है। हरियाणा की राजनीति भी दो हिस्सों में बंट गई है। कुछ ने चुप रहने में अपनी भलाई समझी और कुछ लोगों को इसमें अपना वोट बैंक नजर आने लगा।
आ॓म प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल खुलकर खाप के समर्थन में उतर आई है। कांग्रेस युवा नेता एंव 'प्रगतिशीलता' के पहरूए नवीन जिंदल ने भी जिस तरह खाप का समर्थन किया यह एक शर्मनाक सोच को दर्शाता है। वहीं कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिहं हुड्डा ने खाप को ज्यादा तवज्जों ना देते हुए उसे एक सामाजिक संगठन बताया है। चौटाला ने मांग की है कि हिन्दू मैरिज एक्ट में तत्काल बदलाव की जरूरत है,ताकि युगल प्रेमियों को संगोत्रिय विवाह से रोका जा सके।
लेकिन प्रेम किसी के रोके कहां रूका है,उसे कोई बंधन या परंपरा कहां रोक सकती है वो तो निश्चल बहती पवित्र धारा है जिसका मकसद समुद्र में मिल शांत हो जाना है।
ना जाने क्यों
शहर में हर कोई, हमसे खफा है
क्या करें हर किसी से हमारी
फितरत नहीं मिलती।
...खैर सब अपनी-अपनी बीन बजा रहे है लेकिन कहीं ऐसा ना हो इस बीच खाप का सांप प्रेमी युगलों को डंसता रहे।
Wednesday, May 12, 2010
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